जिलाधिकारी ने ग्राम मनगुवां में लगाई चौपाल, सुनी लोगों की जन समस्यायें
डीएम ने किया आवास व शौचालयों का निरीक्षण
मनरेगा में संतषोजनक उत्तर न मिलने पर किया स्पष्टीकरण तलब
ललितपुर ब्यूरो जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने ग्राम पंचायत मनगुवां, विकासखण्ड जखौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवास तथा स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित शौचालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रतिराम, राकेश, नत्थु, गुलाब के आवासों को देखा, जो निर्माणाधीन स्थिति में पाये गये, इसके साथ ही जिलाधिकारी ने श्रीपथ और निरपथ के शौचालयों का निरीक्षण किया। शौचालय भी निर्माणाधीन स्थिति में पाये गये। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बंधित अधिकारी को कार्य शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। इसके उपरान्त जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनगुवां में जन चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम विद्यालय परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये कैम्पों का निरीक्षण किया। इसके उपरान्त चौपाल में समस्त विभागों की विभागवार समीक्षा की गयी, जिसके क्रम में सर्वप्रथम विद्युत विभाग की समीक्षा की गयी। समीक्षा के दौरान अधिशाषी अभियंता विद्युत द्वारा बताया गया कि सम्पूर्ण ग्राम विद्युतीकृत है, ग्राम में लगभग 14 से 15 घण्टे बिजली आती है। ग्राम में कुल 14 परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने ग्राम में कैम्प लगाकर लोगों को कनेक्शन उपलबध कराये जाने तथा अधिशाषी अभियंता विद्युत को जर्जर विद्युत तारों को ठीक कराने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने अधिशाषी अभियंता को निर्देशित करते हुए कहा कि एक सप्ताह की अवधि के भीतर ग्रामीणों की विद्युत से सम्बंधित सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाये। ग्राम में स्थापित हैण्डपम्पों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्राम में कुल 32 हैण्डपम्प स्थापित हैं, जिनमें से 23 हैण्डपम्प क्रियाशील हैं तथा शेष 06 हैण्डपम्प रीबोर कराये जा चुके हैं, जिनकी फिटिंग जारी है। 02 हैण्डपम्पों का जल स्तर कम है तथा 01 हैण्डपम्प पूर्ण रूप से निष्क्रिय है। इसके उपरान्त स्वच्छ शौचालय निर्माण की समीक्षा की गयी, जिस पर सम्बंधित अधिकारी द्वारा बताया गया कि अभी तक 110 शौचालयों का लक्ष्य प्राप्त है, जिनमें से 52 शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इस पर जिलाधिकारी ने शेष शौचालयों का निर्माण शीघ्र कराने के निर्देश दिये। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बताया गया कि ग्राम में कुल 22 आवास स्वीकृत हैं तथा सभी आवास निर्माणाधीन स्थिति में हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने शेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिये। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने मनरेगा योजना के तहत 90 दिन से अधिक कार्य करने वाले श्रमिकों के बारे में पूछा, इस पर संतोषजनक उत्तर न दिये जाने पर जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, जखौरा तथा पंचायत सचिव का स्पष्टीकरण तलब किया। महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्राम में एक आंगनबाडी केन्द्र प्राथमिक विद्यालय में संचालित है। इस केन्द्र पर आंगनबाडी कार्यकत्री श्रीमती लक्ष्मी देवी कार्यरत हैं। आंगनबाडी कार्यकत्री द्वारा बताया गया कि ग्राम में 07 माह से 03 वर्ष के 17 बच्चे, 03 से 06 वर्ष के 48 बच्चे, गर्भवती महिलाओं की संख्या 14, 5 किशोरियां, 16 धात्री महिलायें तथा 02 कुपोषित बच्चे हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ग्राम में रामविलास खाद्यान्न का वितरण करते हैं, ग्राम में 182 पात्र गृहस्थी कार्डधारक तथा 7 अन्त्योदय कार्डधारक हैं। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त आदेश हैं कि पात्र अन्त्योदय कार्डधारकों को नियमित रूप से खाद्यान्न सामग्री वितरित करायी जाये। जिलाधिकारी ने कोटेदार को निर्देशित करते हुए कहा कि वह घर-घर जाकर पात्र लाभार्थियों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। समस्त प्रकार की पेंशन योजनाओं की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्राम में वृद्धावस्था पेंशन के 19 लाभार्थी, विधवा पेंशन की 01 लाभार्थी तथा विकलांग पेंशन के 02 लाभार्थी हैं, जिन्हें समय से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को निर्देश दिये कि ग्राम की सभी विधवाओं का पंजीकरण करवायें, जिससे पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं को सहायता अनुदान का लाभ मिल सके। इसके बाद चौपाल में एन.आर.एल.एम. योजनान्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों का विवरण प्रस्तुत किया गया, जिसमें बताया गया कि ग्राम में 06 स्वयं सहायता समूह संचालित है, जिनके तहत कुल 64 सदस्य कार्य कर रहे हैं। शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती सविता कौशिक ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि उनके समूह के द्वारा वर्तमान में अगरबत्ती बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिस पर जिलाधिकारी ने उनके कार्य की सराहना की। जिलाधिकारी एवं चौपाल में उपस्थित अन्य अधिकारियों ने उनके समूह द्वारा बनायी गयी अगरबत्तियों को खरीदा, जिसका मूल्य दस रूपये प्रति नग था। इसके उपरान्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रताप सिंह ने चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी। उन्होंने जननी सुरक्षा के बारे में बताते हुए कहा कि सरकारी अस्पताल में प्रसव होने के उपरान्त 14 सौ रूपये की धनराशि लाभार्थी महिला को प्रदान की जाती है। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की नवीन योजना प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के बारे में बताया। इस योजना में प्रथम बार गर्भवती महिला को तीन किस्तों में पांच हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जाती है। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्राम में एक पू.मा. विद्यायल तथा एक प्रा. विद्यालय संचालित हैं, जिनमें ड्रेस, स्वेटर, जूता मोजा, पुस्तक तथा मिड डे मील का वितरण नियमित रूप से हो रहा है। इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों से पूछा कि उन्हें गेंहू बेचने में कोई असुविधा तो नहीं हो रही तथा उनसे कोई सुविधा शुक्ल तो नहीं लिया जाता, जिस पर ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें गेंहू बेचने में कोई परेशानी नहीं हो रही है तथा उनसे किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। चौपाल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रताप सिंह, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी/परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. बलिराम वर्मा, उप जिलाधिकारी सदर महेश प्रसाद दीक्षित, जिला विकास अधिकारी देवेन्द्र प्रताप, उप निदेशक कृषि संतोष कुमार सविता, जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार पटेल सहित अन्य अधिकारी, ग्राम प्रधान एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट अमित अग्रवाल