अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित हुई विचार गोष्ठी
जीवन जीने की कला को सिखाता है योग-प्रीति जैन
बाबा रामदेव ने पूरी दुनिया को योग करना सिखाया है :- अरविंद जैन
ललितपुर ब्यूरो अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर प्रभावना जन कल्याण परिषद (रजि.) एवं पतंजलि महिला योग समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक वैचारिक गोष्ठी का आयोजन पतंजलि योग महिला समिति की जिला प्रभारी प्रीति जैन की अध्यक्षता एवं पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी अरविंद कुमार जैन के मुख्य आतिथ्य में किया गया गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रीति जैन ने कहा कि योग हमें जीवन जीने की कला को सिखाता है, योग करना आज प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकता बन चुकी है।वर्तमान समय में व्यक्ति रोगों से इतना ग्रसित हो गया है कि उसे अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए योग करना आवश्यक हो गया है, योग करने से पुराने से पुराने रोगों को मजबूरन ही दूर होना पडता है।योग ही हमें स्वस्थ रखता है। प्रभावना जन कल्याण परिषद (रजि.) ललितपुर के मानद निदेशक डा. सुनील जैन संचय ने कहा कि योग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिये। अपने रोजमर्रा के दिन को सुचारू रुप से चलाने ,तन-मन को स्फूर्तिवान बनाने के लिए योग की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, योग स्वयं को भी अच्छा बनाता है, योग में व्यक्ति को स्वस्थ बनाने की क्षमता होती है, योग हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा ही है, योग के द्वारा व्यक्ति अपने मन व आत्मा को अनुशासित करता है। पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी अरविंद कुमार जैन ने कहा कि अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की भारत की प्राचीन परंपरा को महापुरुषों ने ही पूरी दुनिया में पहुंचाया है। स्वामी विवेकानंद ने पश्चिमी देशों में लोगों को योग से परिचित कराया था तो योग के जनक अयंगर ने योग की कलाओं व आसन का उपहार दुनिया को दिया है। इक्कीसवीं सदी में पतंजलि योगपीठ के प्रमुख योगाचार्य बाबा रामदेव ने पूरी दुनिया को योग करना सिखाकर सम्पूर्ण विश्व में योग की पताका फहराकर भारत देश का मान बढाया है।
पतंजलि योग महिला समिति की सदस्य विद्या श्रीवास्तव ने कहा कि योग साधारण लोगों के साथ-साथ खिलाड़ियों के लिए भी आवश्यक होता है, क्योंकि योग खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए अत्यंत आवश्यक भी है, खिलाड़ी योग के द्वारा ही फील्ड में अपना अच्छा प्रदर्शन करता है, योग ही दिलोदिमाग को मजबूत बनाता है।
कल्पना समैया ने कहा कि योग जीवन जीने का एक तरीका है, योग से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है व हमारे शरीर को मजबूती भी मिलती है। बिना किसी समस्या के जीवन भर तंदरुस्त रहने का सबसे अच्छा, सुरक्षित, आसान और स्वस्थ तरीका योग है। इसके लिए केवल शरीर के क्रियाकलापों और श्वास लेने के सही तरीकों का नियमित अभ्यास करने की आवश्यकता है। संचालन करते हुए शिक्षक पुष्पेंद्र जैन ने कहा कि योग में निरोग रहने का संदेश समाहित है। 21जून को योग दिवस के रूप में संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा मान्यता देने के बाद योग साधकों का कारवां निरंतर बढता जा रहा है। हजारों वर्षों से मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाला योग हमारी जीवनशैली में चेतना, संयम और नियम को दिशा दे रहा है। पहला अन्तराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।इसमें दिल्ली के राजपथ पर 84 देशों के लोग शामिल हुए थे। यह चौथा अन्तराष्ट्रीय योग दिवस भी पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि जिस प्रकार भोजन में सभी रस जरुरी होते हैं वैसे ही शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आसन व प्राणायाम आवश्यक हैं, यम, नियम भी जरूरी है, योग का मुख्य उद्देश्य है आत्मा का परमात्मा से मिलन कराना है। सर्वांगीण विकास ही योग है। वैचारिक गोष्ठी का संचालन शिक्षक पुष्पेंद्र जैन ने किया। इस दौरान अरविंद जैन, बालकृष्ण नामदेव, डा. सुनील संचय, कल्पना समैया, प्रीति जैन, चेतन गुप्ता, मनविंदर कौर, विद्या श्रीवास्तव, सुषमा सर्राफ आदि योग साधक मौजूद रहे।
रिपोर्ट अमित अग्रवाल