प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सीधा संवाद

कृषि में महिलाओं की भागीदारी से होगी कृषकों की आय दोगुनी:-प्रधानमंत्री

ललितपुर ब्यूरो आज दिन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संवाद का सीधा प्रसारण टी.वी.पर कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर के सभागार में दिखाया गया। स्वयं प्रधानमंत्री जी द्वारा आज देश के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सीधा परिचर्चा/संवाद किया। प्रधानमंत्री द्वारा महिला किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जहां उल्लेखित किया गया वहीं विभिन्न प्रदेशों के महिलाओं से उनके उद्यम एवं खेती-बारी करने के तौर-तरीके के बारे में एवं सरकारी योजनाओं से प्राप्त लाभ की जानकारी भी प्राप्त की उन्होने देश के कुल 7 राज्यों (छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलांगना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा जम्मू-कश्मीर ) के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से परिचर्चा की। प्रधानमंत्री जी ने अपने चार साल की उपलब्धियां जो महिलाओं से संबन्धित थी उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। स्वयं सहायता समूह के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के लिए दीन दयाल योजना के अंतर्गत बैंकों से लोन दिलाया जा रहा है तथा 99 प्रतिशत समूह के पैसे समय से वापस आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में 2.5 लाख किसान धान, 2 लाख किसान सब्जी उत्पादन की बेहतर तकनीकी सीख रहे हैं। 1 लाख महिलाऐं चूडियां बनाने की नयी तकनीकी सीख रहीं हैं। बिहार में किसान उत्पादक समूह का गठन किया गया है जिससे किसान अपने  उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त करते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में 122 विहान आउटलेट बनाये गये हैं। जिसमें स्वयं सहायता समूह का उत्पाद बेंचा जाता है। म.प्र. में 600 स्वरोजगार ग्रामीण संस्थान तथा 500 आजीविका फ्रेस का गठन किया गया है जो अच्छी तरह से संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश में 2000 स्वयं सहायता समूह बैंक मित्र का भी कार्य कर रहें हैं। जिससे ग्रामीण लोंगों को लेन-देन करने में आसानी हो रही है। जिसके बारे में विस्तृत रूप से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बताया गया है। यदि हमारे देश महिलाऐं समूह में कार्य करना  शुरू कर दे तो उनकी आर्थिक स्थति सुढृण हो जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर की महिलाऐं यदि भेड़ पालन करें और उसके ऊन का गरम कपड़ा बनाकर बिक्री करें तो उन्हें अधिक मुनाफा मिल सकता है। इस प्रकार देश में स्वयं सहायता समूह के गठन एवं उनको आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की संबंधित योजनाओं को कियान्वित किया गया है। इस कार्यक्रम में के.वी.के. के सभागार में जनपद के लगभग 110 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री जी से सीधा संवाद एवं विभिन्न प्रान्तों की महिलाओं के संस्मरण सुनकर सभागार में उपस्थित कृषक भाई/वैज्ञानिक काफी उत्साहित हुए तथा संकल्प लिया कि आने वाले समय में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जायेगा तथा समूह के माध्यम से ही उनकों कृषि की नयी तकनीकी एवं कृषि उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने के तौर-तरीके सिखाये जायेंगे।
कार्यक्रम के अंत में कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिकों ने सभी समूह की महिलाओं से अग्रह किया कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप मूल्य संवर्धन, सिलाई-बुनाई एवं उन्नत खेती करने के लिए आगे आये एवं केन्द्र के संपर्क में रहें। यह केन्द्र आप लोगों की हर संभव मदद के लिए बनाया गया है। कृषि में महिलाओं की भागीदारी होगी तभी देश के कृषकों की आय वर्ष-2022 तक दोगुनी हो सकेगी।
रिपोर्ट अमित अग्रवाल